Description: | जमीर का कैदी विमल अपने एक बिछुड़े दोस्त - जगमोहन - की गुहार पर उसकी मदद के लिये खैरगढ़ पहुंच गया तो उसे अहसास हुआ कि जगमोहन का जीवन अंधेरे की गर्त में लुप्त था ! जैसे जैसे विमल जगमोहन के अतीत से परतें उधेड़ता गया, वैसे-वैसे उसे अहसास होता गया कि जगमोहन के जीवन में उसके चारों ओर मंडराते गिद्ध अब उसके पीछे पड़े थे और खुद उसकी अपनी जान सांसत में थी ! |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Ravi Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 37 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | October 28, 2014 |
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