Description: | द्वारकानाथ से जीवनमूल्यों और आदर्शों की नई सीख पाकर विमल जब राजनगर पहुंचा तो वो एक और अपराध के लिये तैयार था, एक ऐसा अपराध जिसमें - पहली बार - उसकी खुद की मर्जी, उसका खुद का निहित स्वार्थ छुपा हुआ था । अब देखना ये था कि उसकी किस्मत में इस अपराध का फल चखना था या एक बार फिर वो उसे नाकामी का स्वाद चखाने वाली थी । |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Raja Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 9 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | March 10, 2015 |
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