Description: | "हर कोई कहता है कि इंसानी जिंदगी का कोई मकसद होना चाहिए. नीलम के बगैर मुझे क्योंकि अपनी जिंदगी का कोई मकसद नहीं दिखाई दे रहा इसलिए दो मकसद मैं अपनी जिंदगी पर थोपने जा रहा हूँ." सुनील -वो क्या ? विमल - एक तो आर्गनाइज्ड क्राइम की मुखालफत और दूसरी गरीब, बेसहारा, मजलूम लोगों की मदद!!! |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Diamond Pocket Book, Dailyhunt, Durga Pocket Books |
Book Series Name: | Vimal Series 17 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | September 28, 2014 |
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