Description: | जयशंकर ने सत्तर लाख रूपये लूटने का एक मास्टर प्लान बनाया था । एक ऐसा प्लान जिसमें उसे कामयाबी की शत-प्रतिशत गारन्टी थी बस अगर कोई कमी थी तो एक पांचवे साथी की ।बम्बई से भागकर मद्रास पहुंचा विमल जब जयशंकर से टकराया तो जैसे जयशंकर की मन की मुराद पूरी हो गयी और विमल ने फिर ना चाहते हुए भी खुद को एक जुर्म में शरीक पाया । |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Maruti Prakashan, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 2 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | November 20, 2014 |
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