Description: | बाज लोगों की गुजश्ता जिन्दगी प्रेत की तरह उनके साथ लगी रहती है । विमल के साथ भी शायद कुछ ऐसा ही था ! अपने अंजाम से बेखबर, जहाज के पंछी विमल ने जब खबरदार शहरी बन कर पूरे शहर का मुहाफिज बन दिखाया तो जैसे एक जलजला सा आ गया । एक ऐसा जलजला जिससे शहर का कोई भी बाशिंदा अछूता ना रह पाया ! |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Radha Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 22 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | September 28, 2014 |
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