Description: | विनाशकाले विपरीत बुद्धि ! तभी तो कम्पनी का सुपर बॉस अपने चार सिर कटा चुकने के बाद भी सोहल को शिकस्त देने के सपने देखता रहा और तबाही की ओर अग्रसर कम्पनी की बची-खुची साख पर पांव जमाकर खड़ा होने की नाकाम कोशिश करता रहा । कम्पनी की डूबती साख, और उसके एम्पायर की ढहती दीवारों की महागाथा का आखिरी पड़ाव ! |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Dailyhunt, Raja Pocket Books |
Book Series Name: | Vimal Series 28 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | January 3, 2015 |
Publication: Manoj Publications
Series: Vimal Series 31
Language: Hindi
Physical
Digital
In Transit
Rented
Wishlist
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