Description: | जमीर का कैदी बना विमल अपने बिछुड़े दोस्त जगमोहन की मदद के लिये खैरगढ़ पहुंच तो गया था परन्तु किस्मत ने उसे अब एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था जिसमें एक तरफ उसके सामने जगमोहन के अंधेरे अतीत के साये थे और दूसरी ओर विमल की सरपरस्ती के बिना लाचार उसके मोहसिनों के सामने एक ऐसा दुश्मन था जो खुद को खुदा से भी दो हाथ ऊंचा समझता था ! और अब इन गैरमामूली हालात में उस कर्मयोद्धा का पलटवार जरूरी था ! |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Ravi Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 38 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | September 28, 2014 |
Publication: Manoj Publications
Series: Vimal Series 35
Language: Hindi
Physical
Digital
In Transit
Rented
Wishlist
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