Description: | मैं ही मुंसिफ मैं ही मुजरिम कोई सूरत नहीं रिहाई की। ये था विमल उर्फ सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल का खुद अपना आकलन लेकिन अपने मुरीदों के लिए वो था चैम्बूर का दाता |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Raja Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 39 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | September 27, 2014 |
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