Description: | खूब सोच-समझ कर विचार करके जब विमल ने उस अपराध की रूपरेखा तैयार की थी तो वो नहीं जानता था कि किसी दूसरे के आदेश और निर्देश पर काम करने में और खुद योजना बनाकर उसे अमल में लाने में दिन-रात का अन्तर था । और जब तक विमल को यह बात समझ में आई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी । |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Dailyhunt, Raja Pocket Books |
Book Series Name: | Vimal Series 10 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | January 3, 2015 |
Publication: HarperColins Publishers India Ltd
Series: Jasoosi Duniya Series
Language: Hindi
Physical
Digital
In Transit
Rented
Wishlist
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