Description: | अपने मोहसिनों के सहारे विमल अन्धेरे शून्य से तो उबर आया; परन्तु जब एक बार फिर उसके प्रारब्ध ने उसे उसी पापी संसार में ला छोड़ा तो उसे समझ में आया कि उसका जीवन अब उसी संसार से बंधा हुआ था । जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां... |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Dailyhunt, Raja Pocket Books |
Book Series Name: | Vimal Series 16 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | March 29, 2015 |
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