Description: | दुर-दुर ठोकर खाते, तकदीर के रहमोकरम पर जिन्दा आज तक विमल को हमेशा दोस्तों के रूप में दुश्मन ही मिले थे । लेकिन मुद्दतों बाद जब एक मुहाफिज दोस्त से मुलाकात हुई तो विमल की तकदीर को शायद उसकी जिंदगी में ये शान्ति और सुकून रास ना आया और एक बार फिर उसने खुद को न चाहते हुए भी जुर्म की दलदल में गहरे धंसते पाया । |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Radha Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 5 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | October 20, 2014 |
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