Description: | अपने काले, अंधेरे अतीत से आंखें लड़ाने के बाद विमल ने पाया कि वो एक सुदृढ़, सुसंगठित आर्गेनाईजेशन को अपना दुश्मन बना बैठा था । और फिर शुरु हुई एक ऐसी जद्दोजहद जिसने पूरी बम्बई को हिला दिया । हिंदी क्राइम फिक्शन की 'शोले' समझी जाने वाली महागाथा का तीसरा और अंतिम अध्याय । |
Author: | Surender Mohan Pathak |
Language: | Hindi |
Publication: | Raja Pocket Books, Dailyhunt |
Book Series Name: | Vimal Series 14 |
Digital: | Yes |
Physical: | Yes |
Rented: | No |
Wishlist: | No |
In Transit: | No |
Book Post Date: | October 28, 2014 |
Publication: Nilam Pocket Books
Series: Sunil Series 21
Language: Hindi
Physical
Digital
In Transit
Rented
Wishlist
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